ट्रेन मानो पंख लगाकर उडी जा रही थी ! पेड, खम्भे, मकान, दुकान, पहाड सभी पीछे छूटे जा रहे थे ! जिस स्थान से रेलगाडी गुजरती थी वहां की धरती कुछ देर के लिए कांप सी जाती थी रेल की पटरियां भार से नीचे की ओर झुककर उपर उठ जातीं थीं ! सिग्नल अप-डाउन हो रहे थे ! कांटे बदल-बदल कर ट्रेन को सही दिशा प्रदान कर रहे थे ! चीखता-चिंघाडता, सीटियां बजाता काला- कलूटा ईंजन 17 बोगियों को खींचता हुआ भागा जा रहा था !
उसी गाडी के एक डिब्बे में केवल चार मुसाफिर बैठे सफर कर रहे थे ! एक सीट पर छब्बीस-सत्ताईस साल के दो जवान लडके बैठे थे ! एक लडके ने सफेद व दूसरे ने नीली शर्ट पहनी हुई थी ! दूसरी ओर सामने वाली सीट पर एक 40-42 वर्ष की भद्र महिला थीं व उनके साथ थी एक 22-23 साल की उनकी सुन्दर बेटी ! चारों अपने-अपने ख्यालों में खोये गाडी के हिचकोले खाते हुए अपनी-अपनी मंजिल का इंतज़ार कर रहे थे !
भारतीय रेल की दुर्दशा तो जग-जाहिर है ! पहली बात तो गाडी समय पर नही आती ! जब आ जाय तो सीट के लिये मारा-मारी ! किसी तरह से बैठने की जगह मिल गई तो डिब्बे में बल्ब व पंखे सही सलामत मिल जांय जरूरी नहीं ! पानी-बिजली की व्यवस्था के बारे में आप सोच ही सकते हैं ! यदि आपके डिब्बे मे रौशनी होती हो तो आपकी किस्मत !
तो मैं आपको बता रहा था कि गाडी के एक डिब्बे में केवल चार यात्री थे ! दो जवान लडके एक सीट पर तथा एक महिला व उसकी खूबसूरत जवान बेटी दूसरी सामने वाली सीट पर बैठे सफर कर रहे थे ! गाडी सांप की तरह बलखाती भागी जा रही थी ! तभी गाडी ने एक सुरंग मे प्रवेश किया ! भाग्य की विडम्बना देखिए, उस बोगी में रेलवे विभाग की पूरी-पूरी कृपा दृष्टि होने के कारण बिजली नहीं थी ! सुरंग में गाडी के प्रवेश करने के साथ ही डिब्बे में घुप अंधेरा पसर गया ! हाथ को हाथ दिखाई नहीं देता था ! किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था !
“पुच्च”……..”तडाक”…….!
तभी अचानक उस अंधेरे में दो आवाजें गूंजी ! पहले एक चुम्बन लेने की आवाज आई और उसी के साथ एक झन्नाटेदार थप्पड पडने की आवाज़ गूंज गई ! कुछ ही देर मे गाडी सुरंग से बाहर निकल आई !
बोगी में फिर से सूर्य का प्रकाश फैल गया ! चारों एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे ! बोल कोई भी नहीं रहा था ! बस चुपचाप एक दूसरे को देख रहे थे !
अब उनके सोचने का ढंग देखिए !!!
महिला सोचने लगी – “पता नहीं इन दोनों में से किस लडके ने मेरी बेटी को किस किया है ! लेकिन उसने तो चांटा ही जड दिया ! अब इसमें चांटा मारने वाली तो कोई बात थी नहीं ! अगर कोई मुझे चूमता तो मैं तो कभी भी न मारती !”
लडकी सोचती है – “पता नहीं किस बेवकूफ लडके ने अंधेरे में गलती से मेरी बजाय मेरी मम्मी को चूम लिया ! मम्मी ने भी अच्छा किया ! कैसा जोरदार तमाचा जडा है उसके गाल पर मज़ा आ गवा ! अब वो दोबारा किसी को ऐसे किस नहीं करेगा !”
नीली शर्ट वाला लडका सोचने लगा – “अच्छा हुआ मैंने उस लडकी को किस नहीं किया ! वरना वो थप्पड मुझे पडता ! क्या जोरदार थप्पड था ! सारा डिब्बा गूंज गया ! मैं तो बाल-बाल बच गया !”
परंतु सफेद शर्ट पहने लडका धीरे-धीरे मुस्करा रहा था ! उसे पता था कि कुछ भी नहीं हुआ था दरअसल सफेद शर्ट वाले लडके ने अंधेरे में एक चाल खेली थी ! उसने अपनी ही हथेली पर एक जोरदार चुम्बन लिया और थोडी देर बाद ही जोर से दोनो हाथों से ताली बजा दी थी ! सभी ने यही समझा कि किसी ने किसी को किस किया है और उसने उसके उत्तर में जोरदार चांटा मारा है !
असल में हुआ कुछ भी नही था !
सफेद शर्ट वाला मज़े ले रहा था !
उसी गाडी के एक डिब्बे में केवल चार मुसाफिर बैठे सफर कर रहे थे ! एक सीट पर छब्बीस-सत्ताईस साल के दो जवान लडके बैठे थे ! एक लडके ने सफेद व दूसरे ने नीली शर्ट पहनी हुई थी ! दूसरी ओर सामने वाली सीट पर एक 40-42 वर्ष की भद्र महिला थीं व उनके साथ थी एक 22-23 साल की उनकी सुन्दर बेटी ! चारों अपने-अपने ख्यालों में खोये गाडी के हिचकोले खाते हुए अपनी-अपनी मंजिल का इंतज़ार कर रहे थे !
भारतीय रेल की दुर्दशा तो जग-जाहिर है ! पहली बात तो गाडी समय पर नही आती ! जब आ जाय तो सीट के लिये मारा-मारी ! किसी तरह से बैठने की जगह मिल गई तो डिब्बे में बल्ब व पंखे सही सलामत मिल जांय जरूरी नहीं ! पानी-बिजली की व्यवस्था के बारे में आप सोच ही सकते हैं ! यदि आपके डिब्बे मे रौशनी होती हो तो आपकी किस्मत !
तो मैं आपको बता रहा था कि गाडी के एक डिब्बे में केवल चार यात्री थे ! दो जवान लडके एक सीट पर तथा एक महिला व उसकी खूबसूरत जवान बेटी दूसरी सामने वाली सीट पर बैठे सफर कर रहे थे ! गाडी सांप की तरह बलखाती भागी जा रही थी ! तभी गाडी ने एक सुरंग मे प्रवेश किया ! भाग्य की विडम्बना देखिए, उस बोगी में रेलवे विभाग की पूरी-पूरी कृपा दृष्टि होने के कारण बिजली नहीं थी ! सुरंग में गाडी के प्रवेश करने के साथ ही डिब्बे में घुप अंधेरा पसर गया ! हाथ को हाथ दिखाई नहीं देता था ! किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था !
“पुच्च”……..”तडाक”…….!
तभी अचानक उस अंधेरे में दो आवाजें गूंजी ! पहले एक चुम्बन लेने की आवाज आई और उसी के साथ एक झन्नाटेदार थप्पड पडने की आवाज़ गूंज गई ! कुछ ही देर मे गाडी सुरंग से बाहर निकल आई !
बोगी में फिर से सूर्य का प्रकाश फैल गया ! चारों एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे ! बोल कोई भी नहीं रहा था ! बस चुपचाप एक दूसरे को देख रहे थे !
अब उनके सोचने का ढंग देखिए !!!
महिला सोचने लगी – “पता नहीं इन दोनों में से किस लडके ने मेरी बेटी को किस किया है ! लेकिन उसने तो चांटा ही जड दिया ! अब इसमें चांटा मारने वाली तो कोई बात थी नहीं ! अगर कोई मुझे चूमता तो मैं तो कभी भी न मारती !”
लडकी सोचती है – “पता नहीं किस बेवकूफ लडके ने अंधेरे में गलती से मेरी बजाय मेरी मम्मी को चूम लिया ! मम्मी ने भी अच्छा किया ! कैसा जोरदार तमाचा जडा है उसके गाल पर मज़ा आ गवा ! अब वो दोबारा किसी को ऐसे किस नहीं करेगा !”
नीली शर्ट वाला लडका सोचने लगा – “अच्छा हुआ मैंने उस लडकी को किस नहीं किया ! वरना वो थप्पड मुझे पडता ! क्या जोरदार थप्पड था ! सारा डिब्बा गूंज गया ! मैं तो बाल-बाल बच गया !”
परंतु सफेद शर्ट पहने लडका धीरे-धीरे मुस्करा रहा था ! उसे पता था कि कुछ भी नहीं हुआ था दरअसल सफेद शर्ट वाले लडके ने अंधेरे में एक चाल खेली थी ! उसने अपनी ही हथेली पर एक जोरदार चुम्बन लिया और थोडी देर बाद ही जोर से दोनो हाथों से ताली बजा दी थी ! सभी ने यही समझा कि किसी ने किसी को किस किया है और उसने उसके उत्तर में जोरदार चांटा मारा है !
असल में हुआ कुछ भी नही था !
सफेद शर्ट वाला मज़े ले रहा था !
टिप्पणियाँ
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Aap sabhi bhaiyo & bahno se anurodh hai ki aap sabhi uchit comment de............
jisse main apne blog ko aap sabo ke samne aur acchi tarah se prastut kar saku......