मनुष्य के जीवन में कई ऐसे अवसर आते हैं जब उसे तुरंत निर्णय लेने पड़ते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि वह लालच में आकर गलत निर्णय ले लेता है जो परेशानी का कारण बन जाते हैं। इसलिए जब भी विपरीत समय में कोई निर्णय लेने का अवसर आए तो उसके उसके दूरगामी परिणाम के बारे में भी अवश्य सोचें।
किसी गांव में एक लालची व्यापारी रहता था। वह अपने गांव से दूर देश समुद्र की यात्रा करते हुए व्यापार करने जाता था। एक दिन उसके दोस्तों ने उससे पूछा कि क्या तुम्हें तैरना आता है? तो व्यापारी ने कहा- नहीं। दोस्तों ने कहा तुम समुद्र में यात्रा करते हो तो तैरना तो आना ही चाहिए। व्यापारी ने भी सोचा कि सभी ठीक कहते हैं। उसने सोचा क्यों न तैरना सीख लिया जाए लेकिन काम-का में व्यस्तता के कारण उसके पास समय नहीं रहता था।इस कारण जब वह तैरना नहीं सीख सका तो उसने अपने दोस्तों से पूछा कि अब क्या करुं? उसके दोस्तों ने उसे सुझाव दिया कि जब वह कश्ती में जाए तो अपने साथ खाली पीपे (डिब्बे) रख ले और अगर कभी तुफान में कश्ती डुबने लगे तो खाली पीपे शरीर पर बांधकर समुद्र में कूद जाए। ऐसा करने से उसकी जान बच जाएगी। व्यापारी ने ऐसा ही किया। अपनी कश्ती में खाली पीपे रख लिए। संयोग से उसी यात्रा के दौरान समुद्र में तुफान आ गया। जिन लोगों को तैरना आता था वे तो कूद गए।
कुछ ने उससे भी कहा कि खाली पीपे बांधकर कूद जाओ पर व्यापारी सोच रहा था कि अगर में खाली पीपे बांधकर समुद्र में कूद गया तो ये जो दूसरे पीपे जिनमें धन रखा है ये भी सब डूब जाएंगे। धन के लालच में व्यापारी खाली पीपे के स्थान पर धन से भरे पीपे शरीर पर बांधकर समुद्र में कूद गया। इस तरह धन के लालच में उसने अपने प्राण गवां दिए।
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Aap sabhi bhaiyo & bahno se anurodh hai ki aap sabhi uchit comment de............
jisse main apne blog ko aap sabo ke samne aur acchi tarah se prastut kar saku......